Original

अभिप्राये तु विदिते धर्मात्मा सव्यसाचिना ।अतुष्यद्भरतश्रेष्ठो भीष्मो धर्मार्थतत्त्ववित् ॥ ४३ ॥

Segmented

अभिप्राये तु विदिते धर्म-आत्मा सव्यसाचिना अतुष्यद् भरत-श्रेष्ठः भीष्मो धर्म-अर्थ-तत्त्व-विद्

Analysis

Word Lemma Parse
अभिप्राये अभिप्राय pos=n,g=m,c=7,n=s
तु तु pos=i
विदिते विद् pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
धर्म धर्म pos=n,comp=y
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
सव्यसाचिना सव्यसाचिन् pos=n,g=m,c=3,n=s
अतुष्यद् तुष् pos=v,p=3,n=s,l=lan
भरत भरत pos=n,comp=y
श्रेष्ठः श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=1,n=s
भीष्मो भीष्म pos=n,g=m,c=1,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
अर्थ अर्थ pos=n,comp=y
तत्त्व तत्त्व pos=n,comp=y
विद् विद् pos=a,g=m,c=1,n=s