Original

अभिनन्द्य स तानेवं शिरसा लम्बताब्रवीत् ।शिरो मे लम्बतेऽत्यर्थमुपधानं प्रदीयताम् ॥ ३२ ॥

Segmented

अभिनन्द्य स तान् एवम् शिरसा लम्ब् अब्रवीत् शिरो मे लम्बते ऽत्यर्थम् उपधानम् प्रदीयताम्

Analysis

Word Lemma Parse
अभिनन्द्य अभिनन्द् pos=vi
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
तान् तद् pos=n,g=m,c=2,n=p
एवम् एवम् pos=i
शिरसा शिरस् pos=n,g=n,c=3,n=s
लम्ब् लम्ब् pos=va,g=n,c=3,n=s,f=part
अब्रवीत् ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lan
शिरो शिरस् pos=n,g=n,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
लम्बते लम्ब् pos=v,p=3,n=s,l=lat
ऽत्यर्थम् अत्यर्थम् pos=i
उपधानम् उपधान pos=n,g=n,c=1,n=s
प्रदीयताम् प्रदा pos=v,p=3,n=s,l=lot