महाभारतम् — 6.104.1
Original
Segmented
धृतराष्ट्र उवाच कथम् शिखण्डी गाङ्गेयम् अभ्यवर्तत संयुगे पाण्डवाः च तथा भीष्मम् तत् मे आचक्ष्व संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धृतराष्ट्र | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कथम् | कथम् | pos=i |
शिखण्डी | शिखण्डिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
गाङ्गेयम् | गाङ्गेय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अभ्यवर्तत | अभिवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
संयुगे | संयुग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
पाण्डवाः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
तथा | तथा | pos=i |
भीष्मम् | भीष्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
आचक्ष्व | आचक्ष् | pos=v,p=2,n=s,l=lan |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |