Original

धृतराष्ट्र उवाच ।कथं शिखण्डी गाङ्गेयमभ्यवर्तत संयुगे ।पाण्डवाश्च तथा भीष्मं तन्ममाचक्ष्व संजय ॥ १ ॥

Segmented

धृतराष्ट्र उवाच कथम् शिखण्डी गाङ्गेयम् अभ्यवर्तत संयुगे पाण्डवाः च तथा भीष्मम् तत् मे आचक्ष्व संजय

Analysis

Word Lemma Parse
धृतराष्ट्र धृतराष्ट्र pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
कथम् कथम् pos=i
शिखण्डी शिखण्डिन् pos=n,g=m,c=1,n=s
गाङ्गेयम् गाङ्गेय pos=n,g=m,c=2,n=s
अभ्यवर्तत अभिवृत् pos=v,p=3,n=s,l=lan
संयुगे संयुग pos=n,g=n,c=7,n=s
पाण्डवाः पाण्डव pos=n,g=m,c=1,n=p
pos=i
तथा तथा pos=i
भीष्मम् भीष्म pos=n,g=m,c=2,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
आचक्ष्व आचक्ष् pos=v,p=2,n=s,l=lan
संजय संजय pos=n,g=m,c=8,n=s