Original

श्रीकृष्ण उवाच ।प्रतिज्ञाय वधं जिष्णो पुरा भीष्मस्य संयुगे ।क्षत्रधर्मे स्थितः पार्थ कथं नैनं हनिष्यसि ॥ ९० ॥

Segmented

श्री-कृष्णः उवाच प्रतिज्ञाय वधम् जिष्णो पुरा भीष्मस्य संयुगे क्षत्र-धर्मे स्थितः पार्थ कथम् न एनम् हनिष्यसि

Analysis

Word Lemma Parse
श्री श्री pos=n,comp=y
कृष्णः कृष्ण pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
प्रतिज्ञाय प्रतिज्ञा pos=vi
वधम् वध pos=n,g=m,c=2,n=s
जिष्णो जिष्णु pos=n,g=m,c=8,n=s
पुरा पुरा pos=i
भीष्मस्य भीष्म pos=n,g=m,c=6,n=s
संयुगे संयुग pos=n,g=n,c=7,n=s
क्षत्र क्षत्र pos=n,comp=y
धर्मे धर्म pos=n,g=m,c=7,n=s
स्थितः स्था pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
पार्थ पार्थ pos=n,g=m,c=8,n=s
कथम् कथम् pos=i
pos=i
एनम् एनद् pos=n,g=m,c=2,n=s
हनिष्यसि हन् pos=v,p=2,n=s,l=lrt