महाभारतम् — 6.103.10
Original
Segmented
तस्मिन् रात्रि-मुखे घोरे पाण्डवा वृष्णिभिः सह सृञ्जयाः च दुराधर्षा मन्त्राय समुपाविशन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
रात्रि | रात्रि | pos=n,comp=y |
मुखे | मुख | pos=n,g=n,c=7,n=s |
घोरे | घोर | pos=a,g=n,c=7,n=s |
पाण्डवा | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वृष्णिभिः | वृष्णि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सह | सह | pos=i |
सृञ्जयाः | सृञ्जय | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
दुराधर्षा | दुराधर्ष | pos=a,g=m,c=1,n=p |
मन्त्राय | मन्त्र | pos=n,g=m,c=4,n=s |
समुपाविशन् | समुपविश् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |