Original

उत्सृज्य रजतप्रख्यान्हयान्पार्थस्य मारिष ।क्रुद्धो नाम महायोगी प्रचस्कन्द महारथात् ।अभिदुद्राव भीष्मं स भुजप्रहरणो बली ॥ ५३ ॥

Segmented

उत्सृज्य रजत-प्रख्या हयान् पार्थस्य मारिष क्रुद्धो नाम महा-योगी प्रचस्कन्द महा-रथात् अभिदुद्राव भीष्मम् स भुज-प्रहरणः बली

Analysis

Word Lemma Parse
उत्सृज्य उत्सृज् pos=vi
रजत रजत pos=n,comp=y
प्रख्या प्रख्या pos=n,g=m,c=2,n=p
हयान् हय pos=n,g=m,c=2,n=p
पार्थस्य पार्थ pos=n,g=m,c=6,n=s
मारिष मारिष pos=n,g=m,c=8,n=s
क्रुद्धो क्रुध् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
नाम नाम pos=i
महा महत् pos=a,comp=y
योगी योगिन् pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रचस्कन्द प्रस्कन्द् pos=v,p=3,n=s,l=lit
महा महत् pos=a,comp=y
रथात् रथ pos=n,g=m,c=5,n=s
अभिदुद्राव अभिद्रु pos=v,p=3,n=s,l=lit
भीष्मम् भीष्म pos=n,g=m,c=2,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
भुज भुज pos=n,comp=y
प्रहरणः प्रहरण pos=n,g=m,c=1,n=s
बली बलिन् pos=a,g=m,c=1,n=s