महाभारतम् — 6.101.15
Original
Segmented
वेगवद्भिः हयैः तैः तु क्षोभितम् पाण्डवम् बलम् निपतद्भिः महा-वेगैः हंसैः इव महत् सरः हेषताम् च एव शब्देन न प्राज्ञायत किंचन
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वेगवद्भिः | वेगवत् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
हयैः | हय | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तु | तु | pos=i |
क्षोभितम् | क्षोभय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
पाण्डवम् | पाण्डव | pos=a,g=n,c=1,n=s |
बलम् | बल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
निपतद्भिः | निपत् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
वेगैः | वेग | pos=n,g=m,c=3,n=p |
हंसैः | हंस | pos=n,g=m,c=3,n=p |
इव | इव | pos=i |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
सरः | सरस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
हेषताम् | हेष् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
शब्देन | शब्द | pos=n,g=m,c=3,n=s |
न | न | pos=i |
प्राज्ञायत | प्रज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
किंचन | कश्चन | pos=n,g=n,c=1,n=s |