महाभारतम् — 5.97.1
Original
Segmented
नारद उवाच एतत् तु नाग-लोकस्य नाभि-स्थाने स्थितम् पुरम् पातालम् इति विख्यातम् दैत्य-दानव-सेवितम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नारद | नारद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
नाग | नाग | pos=n,comp=y |
लोकस्य | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
नाभि | नाभि | pos=n,comp=y |
स्थाने | स्थान | pos=n,g=n,c=7,n=s |
स्थितम् | स्था | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
पुरम् | पुर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पातालम् | पाताल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
विख्यातम् | विख्या | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
दैत्य | दैत्य | pos=n,comp=y |
दानव | दानव | pos=n,comp=y |
सेवितम् | सेव् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |