महाभारतम् — 5.9.49
Original
Segmented
जहृषुः च सुराः सर्वे दृष्ट्वा शक्रम् विनिःसृतम् ततः प्रववृते युद्धम् वृत्र-वासवयोः पुनः संरब्धयोः तदा घोरम् सु चिरम् भरत-ऋषभ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जहृषुः | हृष् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
च | च | pos=i |
सुराः | सुर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
शक्रम् | शक्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विनिःसृतम् | विनिःसृ | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
ततः | ततस् | pos=i |
प्रववृते | प्रवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
युद्धम् | युद्ध | pos=n,g=n,c=1,n=s |
वृत्र | वृत्र | pos=n,comp=y |
वासवयोः | वासव | pos=n,g=m,c=6,n=d |
पुनः | पुनर् | pos=i |
संरब्धयोः | संरभ् | pos=va,g=m,c=7,n=d,f=part |
तदा | तदा | pos=i |
घोरम् | घोर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
सु | सु | pos=i |
चिरम् | चिरम् | pos=i |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |