महाभारतम् — 5.9.43
Original
Segmented
उपस्पृश्य ततः क्रुद्धः तपस्वी सु महा-यशाः अग्निम् हुत्वा समुत्पाद्य घोरम् वृत्रम् उवाच ह इन्द्र-शत्रो विवर्धस्व प्रभावात् तपसो मम
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उपस्पृश्य | उपस्पृश् | pos=vi |
ततः | ततस् | pos=i |
क्रुद्धः | क्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तपस्वी | तपस्विन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सु | सु | pos=i |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
यशाः | यशस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
हुत्वा | हु | pos=vi |
समुत्पाद्य | समुत्पादय् | pos=vi |
घोरम् | घोर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
वृत्रम् | वृत्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ह | ह | pos=i |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,comp=y |
शत्रो | शत्रु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
विवर्धस्व | विवृध् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
प्रभावात् | प्रभाव | pos=n,g=m,c=5,n=s |
तपसो | तपस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |