Original

क्षेत्रं हि रसवच्छुद्धं कर्षकेणोपपादितम् ।ऋते वर्षं न कौन्तेय जातु निर्वर्तयेत्फलम् ॥ २ ॥

Segmented

क्षेत्रम् हि रसवत् शुद्धम् कर्षकेन उपपादितम् ऋते वर्षम् न कौन्तेय जातु निर्वर्तयेत् फलम्

Analysis

Word Lemma Parse
क्षेत्रम् क्षेत्र pos=n,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
रसवत् रसवत् pos=a,g=n,c=1,n=s
शुद्धम् शुध् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
कर्षकेन कर्षक pos=n,g=m,c=3,n=s
उपपादितम् उपपादय् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
ऋते ऋते pos=i
वर्षम् वर्ष pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
कौन्तेय कौन्तेय pos=n,g=m,c=8,n=s
जातु जातु pos=i
निर्वर्तयेत् निर्वर्तय् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
फलम् फल pos=n,g=n,c=2,n=s