महाभारतम् — 5.67.4
Original
Segmented
धृतराष्ट्र उवाच गावल्गणे ऽत्र का भक्तिः या ते नित्या जनार्दने यया त्वम् अभिजानासि त्रि-युगम् मधुसूदनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धृतराष्ट्र | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
गावल्गणे | गावल्गणि | pos=n,g=m,c=8,n=s |
ऽत्र | अत्र | pos=i |
का | क | pos=n,g=f,c=1,n=s |
भक्तिः | भक्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
नित्या | नित्य | pos=a,g=f,c=1,n=s |
जनार्दने | जनार्दन | pos=n,g=m,c=7,n=s |
यया | यद् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अभिजानासि | अभिज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
त्रि | त्रि | pos=n,comp=y |
युगम् | युग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मधुसूदनम् | मधुसूदन | pos=n,g=m,c=2,n=s |