Original

धृतराष्ट्र उवाच ।अङ्ग संजय मे शंस पन्थानमकुतोभयम् ।येन गत्वा हृषीकेशं प्राप्नुयां शान्तिमुत्तमाम् ॥ १६ ॥

Segmented

धृतराष्ट्र उवाच अङ्ग संजय मे शंस पन्थानम् अकुतोभयम् येन गत्वा हृषीकेशम् प्राप्नुयाम् शान्तिम् उत्तमाम्

Analysis

Word Lemma Parse
धृतराष्ट्र धृतराष्ट्र pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
अङ्ग अङ्ग pos=i
संजय संजय pos=n,g=m,c=8,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=4,n=s
शंस शंस् pos=v,p=2,n=s,l=lot
पन्थानम् पथिन् pos=n,g=,c=2,n=s
अकुतोभयम् अकुतोभय pos=a,g=m,c=2,n=s
येन यद् pos=n,g=m,c=3,n=s
गत्वा गम् pos=vi
हृषीकेशम् हृषीकेश pos=n,g=m,c=2,n=s
प्राप्नुयाम् प्राप् pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin
शान्तिम् शान्ति pos=n,g=f,c=2,n=s
उत्तमाम् उत्तम pos=a,g=f,c=2,n=s