Original

ब्रूहि संजय यच्छेषं वासुदेवादनन्तरम् ।यदर्जुन उवाच त्वां परं कौतूहलं हि मे ॥ २ ॥

Segmented

ब्रूहि संजय यत् शेषम् वासुदेवाद् अनन्तरम् यद् अर्जुन उवाच त्वाम् परम् कौतूहलम् हि मे

Analysis

Word Lemma Parse
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
संजय संजय pos=n,g=m,c=8,n=s
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
शेषम् शेष pos=n,g=n,c=1,n=s
वासुदेवाद् वासुदेव pos=n,g=m,c=5,n=s
अनन्तरम् अनन्तर pos=a,g=n,c=1,n=s
यद् यद् pos=n,g=n,c=2,n=s
अर्जुन अर्जुन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
परम् पर pos=n,g=n,c=1,n=s
कौतूहलम् कौतूहल pos=n,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s