Original

धृतराष्ट्र उवाच ।दुर्योधन विजानीहि यत्त्वां वक्ष्यामि पुत्रक ।उत्पथं मन्यसे मार्गमनभिज्ञ इवाध्वगः ॥ १ ॥

Segmented

धृतराष्ट्र उवाच दुर्योधन विजानीहि यत् त्वाम् वक्ष्यामि पुत्रक उत्पथम् मन्यसे मार्गम् अनभिज्ञ इव अध्वगः

Analysis

Word Lemma Parse
धृतराष्ट्र धृतराष्ट्र pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
दुर्योधन दुर्योधन pos=n,g=m,c=8,n=s
विजानीहि विज्ञा pos=v,p=2,n=s,l=lot
यत् यद् pos=n,g=n,c=2,n=s
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
वक्ष्यामि वच् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
पुत्रक पुत्रक pos=n,g=m,c=8,n=s
उत्पथम् उत्पथ pos=n,g=m,c=2,n=s
मन्यसे मन् pos=v,p=2,n=s,l=lat
मार्गम् मार्ग pos=n,g=m,c=2,n=s
अनभिज्ञ अनभिज्ञ pos=a,g=m,c=1,n=s
इव इव pos=i
अध्वगः अध्वग pos=n,g=m,c=1,n=s