महाभारतम् — 5.61.16
Original
Segmented
आवन्त्य-कालिङ्ग-जयद्रथेषु वेदि-ध्वजे तिष्ठति बाह्लिके च अहम् हनिष्यामि सदा परेषाम् सहस्रशस् च अयुतशस् च योधान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आवन्त्य | आवन्त्य | pos=n,comp=y |
कालिङ्ग | कालिङ्ग | pos=n,comp=y |
जयद्रथेषु | जयद्रथ | pos=n,g=m,c=7,n=p |
वेदि | वेदि | pos=n,comp=y |
ध्वजे | ध्वज | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तिष्ठति | स्था | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
बाह्लिके | बाह्लिक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
हनिष्यामि | हन् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
सदा | सदा | pos=i |
परेषाम् | पर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
सहस्रशस् | सहस्रशस् | pos=i |
च | च | pos=i |
अयुतशस् | अयुतशस् | pos=i |
च | च | pos=i |
योधान् | योध | pos=n,g=m,c=2,n=p |