Original

सत्यप्रतिज्ञः किल सूतपुत्रस्तथा स भारं विषहेत कस्मात् ।व्यूहं प्रतिव्यूह्य शिरांसि भित्त्वा लोकक्षयं पश्यत भीमसेनात् ॥ १५ ॥

Segmented

सत्य-प्रतिज्ञः किल सूतपुत्रस् तथा स भारम् विषहेत कस्मात् व्यूहम् प्रतिव्यूह्य शिरांसि भित्त्वा लोक-क्षयम् पश्यत भीमसेनात्

Analysis

Word Lemma Parse
सत्य सत्य pos=a,comp=y
प्रतिज्ञः प्रतिज्ञा pos=n,g=m,c=1,n=s
किल किल pos=i
सूतपुत्रस् सूतपुत्र pos=n,g=m,c=1,n=s
तथा तथा pos=i
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
भारम् भार pos=n,g=m,c=2,n=s
विषहेत विषह् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
कस्मात् कस्मात् pos=i
व्यूहम् व्यूह pos=n,g=m,c=2,n=s
प्रतिव्यूह्य प्रतिव्यूह् pos=vi
शिरांसि शिरस् pos=n,g=n,c=2,n=p
भित्त्वा भिद् pos=vi
लोक लोक pos=n,comp=y
क्षयम् क्षय pos=n,g=m,c=2,n=s
पश्यत पश् pos=v,p=3,n=s,l=lan
भीमसेनात् भीमसेन pos=n,g=m,c=5,n=s