महाभारतम् — 5.61.12
Original
Segmented
कर्ण उवाच असंशयम् वृष्णि-पतिः यथा उक्तवान् तथा च भूयस् च ततो महात्मा अहम् यद् उक्तः परुषम् तु किंचित् पितामहः तस्य फलम् शृणोतु
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कर्ण | कर्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
असंशयम् | असंशयम् | pos=i |
वृष्णि | वृष्णि | pos=n,comp=y |
पतिः | पति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तथा | तथा | pos=i |
च | च | pos=i |
भूयस् | भूयस् | pos=i |
च | च | pos=i |
ततो | ततस् | pos=i |
महात्मा | महात्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उक्तः | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
परुषम् | परुष | pos=a,g=n,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
किंचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पितामहः | पितामह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
शृणोतु | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lot |