Original

लोकसाक्षिकमेतन्मे माहात्म्यं दिक्षु विश्रुतम् ।आश्वासनार्थं भवतः प्रोक्तं न श्लाघया नृप ॥ २३ ॥

Segmented

लोक-साक्षिकम् एतत् मे माहात्म्यम् दिक्षु विश्रुतम् आश्वासन-अर्थम् भवतः प्रोक्तम् न श्लाघया नृप

Analysis

Word Lemma Parse
लोक लोक pos=n,comp=y
साक्षिकम् साक्षिक pos=n,g=n,c=1,n=s
एतत् एतद् pos=n,g=n,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
माहात्म्यम् माहात्म्य pos=n,g=n,c=1,n=s
दिक्षु दिश् pos=n,g=f,c=7,n=p
विश्रुतम् विश्रु pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
आश्वासन आश्वासन pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
भवतः भवत् pos=a,g=m,c=6,n=s
प्रोक्तम् प्रवच् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
pos=i
श्लाघया श्लाघा pos=n,g=f,c=3,n=s
नृप नृप pos=n,g=m,c=8,n=s