महाभारतम् — 5.56.1
Original
Segmented
धृतराष्ट्र उवाच कान् तत्र संजय अपश्यः प्रति अर्थेन समागतान् ये योत्स्यन्ते पाण्डव-अर्थे पुत्रस्य मम वाहिनीम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धृतराष्ट्र | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कान् | क | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तत्र | तत्र | pos=i |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अपश्यः | पश् | pos=v,p=2,n=s,l=lan |
प्रति | प्रति | pos=i |
अर्थेन | अर्थ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
समागतान् | समागम् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
योत्स्यन्ते | युध् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
पाण्डव | पाण्डव | pos=n,comp=y |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पुत्रस्य | पुत्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वाहिनीम् | वाहिनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |