महाभारतम् — 5.54.14
Original
Segmented
प्रणिपाते तु दोषो ऽस्ति बन्धूनाम् शाश्वतीः समाः पितरम् तु एव शोचामि प्रज्ञा-नेत्रम् जनेश्वरम् मद्-कृते दुःखम् आपन्नम् क्लेशम् प्राप्तम् अनन्तकम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रणिपाते | प्रणिपात | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तु | तु | pos=i |
दोषो | दोष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
बन्धूनाम् | बन्धु | pos=n,g=m,c=6,n=p |
शाश्वतीः | शाश्वत | pos=a,g=f,c=2,n=p |
समाः | समा | pos=n,g=f,c=2,n=p |
पितरम् | पितृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
एव | एव | pos=i |
शोचामि | शुच् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
प्रज्ञा | प्रज्ञा | pos=n,comp=y |
नेत्रम् | नेत्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जनेश्वरम् | जनेश्वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
कृते | कृत | pos=n,g=n,c=7,n=s |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आपन्नम् | आपद् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
क्लेशम् | क्लेश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्राप्तम् | प्राप् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
अनन्तकम् | अनन्तक | pos=a,g=m,c=2,n=s |