महाभारतम् — 5.51.5
Original
Segmented
घृणी कर्णः प्रमादी च आचार्यः स्थविरो गुरुः समर्थो बलवान् पार्थो दृढधन्वा जित-क्लमः भवेत् सु तुमुलम् युद्धम् सर्वशो अपि अपराजयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
घृणी | घृणिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कर्णः | कर्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रमादी | प्रमादिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
आचार्यः | आचार्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्थविरो | स्थविर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
गुरुः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
समर्थो | समर्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
बलवान् | बलवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
पार्थो | पार्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दृढधन्वा | दृढधन्वन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जित | जि | pos=va,comp=y,f=part |
क्लमः | क्लम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सु | सु | pos=i |
तुमुलम् | तुमुल | pos=a,g=n,c=1,n=s |
युद्धम् | युद्ध | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सर्वशो | सर्वशस् | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
अपराजयः | अपराजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |