महाभारतम् — 5.47.86
Original
Segmented
अवाप्य कृच्छ्रम् विहितम् हि अरण्ये दीर्घम् कालम् च एकम् अज्ञात-चर्याम् ते हि अकस्मात् जीवितम् पाण्डवानाम् न मृष्यन्ते धार्तराष्ट्राः पद-स्थाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अवाप्य | अवाप् | pos=vi |
कृच्छ्रम् | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विहितम् | विधा | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
हि | हि | pos=i |
अरण्ये | अरण्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
दीर्घम् | दीर्घ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
कालम् | काल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
एकम् | एक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अज्ञात | अज्ञात | pos=a,comp=y |
चर्याम् | चर्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हि | हि | pos=i |
अकस्मात् | अकस्मात् | pos=i |
जीवितम् | जीवित | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पाण्डवानाम् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
न | न | pos=i |
मृष्यन्ते | मृष् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
धार्तराष्ट्राः | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पद | पद | pos=n,comp=y |
स्थाः | स्थ | pos=a,g=m,c=1,n=p |