महाभारतम् — 5.47.64
Original
Segmented
अयुध्यमानो मनसा अपि यस्य जयम् कृष्णः पुरुषस्य अभिनन्देत् ध्रुवम् सर्वान् सो ऽभ्यतीयाद् अमित्रान् स इन्द्रान् देवान् मानुषे न अस्ति चिन्ता
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अयुध्यमानो | अयुध्यमान | pos=a,g=m,c=1,n=s |
मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
जयम् | जय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कृष्णः | कृष्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुरुषस्य | पुरुष | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अभिनन्देत् | अभिनन्द् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
ध्रुवम् | ध्रुवम् | pos=i |
सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽभ्यतीयाद् | अभ्यती | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अमित्रान् | अमित्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
स | स | pos=i |
इन्द्रान् | इन्द्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
मानुषे | मानुष | pos=n,g=m,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
चिन्ता | चिन्ता | pos=n,g=f,c=1,n=s |