महाभारतम् — 5.47.61
Original
Segmented
पूर्वाह्णे माम् कृत-जप्यम् कदाचिद् विप्रः प्रोवाच उदक-अन्ते मनोज्ञम् कर्तव्यम् ते दुष्करम् कर्म पार्थ योद्धव्यम् ते शत्रुभिः सव्यसाचिन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पूर्वाह्णे | पूर्वाह्ण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
जप्यम् | जप्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कदाचिद् | कदाचिद् | pos=i |
विप्रः | विप्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रोवाच | प्रवच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
उदक | उदक | pos=n,comp=y |
अन्ते | अन्त | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मनोज्ञम् | मनोज्ञ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
कर्तव्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
दुष्करम् | दुष्कर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
योद्धव्यम् | युध् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
शत्रुभिः | शत्रु | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सव्यसाचिन् | सव्यसाचिन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |