Original

कांदिग्भूतं छिन्नगात्रं विसंज्ञं दुर्योधनो द्रक्ष्यति सर्वसैन्यम् ।हताश्ववीराग्र्यनरेन्द्रनागं पिपासितं श्रान्तपत्रं भयार्तम् ॥ ५६ ॥

Segmented

कांदिः-भूतम् छिन्न-गात्रम् विसंज्ञम् दुर्योधनो द्रक्ष्यति सर्व-सैन्यम् हत-अश्व-वीर-अग्र्य-नरेन्द्र-नागम् पिपासितम् श्रान्त-पत्त्रम् भय-आर्तम्

Analysis

Word Lemma Parse
कांदिः कांदिश् pos=a,comp=y
भूतम् भू pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
छिन्न छिद् pos=va,comp=y,f=part
गात्रम् गात्र pos=n,g=n,c=2,n=s
विसंज्ञम् विसंज्ञ pos=a,g=n,c=2,n=s
दुर्योधनो दुर्योधन pos=n,g=m,c=1,n=s
द्रक्ष्यति दृश् pos=v,p=3,n=s,l=lrt
सर्व सर्व pos=n,comp=y
सैन्यम् सैन्य pos=n,g=n,c=2,n=s
हत हन् pos=va,comp=y,f=part
अश्व अश्व pos=n,comp=y
वीर वीर pos=n,comp=y
अग्र्य अग्र्य pos=a,comp=y
नरेन्द्र नरेन्द्र pos=n,comp=y
नागम् नाग pos=n,g=n,c=2,n=s
पिपासितम् पिपासित pos=a,g=n,c=2,n=s
श्रान्त श्रम् pos=va,comp=y,f=part
पत्त्रम् पत्त्र pos=n,g=n,c=2,n=s
भय भय pos=n,comp=y
आर्तम् आर्त pos=a,g=n,c=2,n=s