महाभारतम् — 5.47.45
Original
Segmented
हिरण्मयम् श्वेत-हयैः चतुर्भिः यदा युक्तम् स्यन्दनम् माधवस्य द्रष्टा युद्धे सात्यकेः वै सुयोधनस् तदा तप्स्यति अकृतात्मा स मन्दः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हिरण्मयम् | हिरण्मय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
श्वेत | श्वेत | pos=a,comp=y |
हयैः | हय | pos=n,g=m,c=3,n=p |
चतुर्भिः | चतुर् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
यदा | यदा | pos=i |
युक्तम् | युज् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
स्यन्दनम् | स्यन्दन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
माधवस्य | माधव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
द्रष्टा | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
युद्धे | युद्ध | pos=n,g=n,c=7,n=s |
सात्यकेः | सात्यकि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वै | वै | pos=i |
सुयोधनस् | सुयोधन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
तप्स्यति | तप् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
अकृतात्मा | अकृतात्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मन्दः | मन्द | pos=a,g=m,c=1,n=s |