महाभारतम् — 5.47.41
Original
Segmented
यदा शिनीनाम् अधिपो मया उक्तवान् शरैः परान् मेघः इव प्रवर्षन् प्रच्छादयिष्यञ् शर-जालेन योधांस् तदा युद्धम् धार्तराष्ट्रो ऽन्वतप्स्यत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
शिनीनाम् | शिनि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अधिपो | अधिप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शरैः | शर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
परान् | पर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
मेघः | मेघ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
प्रवर्षन् | प्रवृष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रच्छादयिष्यञ् | प्रच्छादय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शर | शर | pos=n,comp=y |
जालेन | जाल | pos=n,g=n,c=3,n=s |
योधांस् | योध | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तदा | तदा | pos=i |
युद्धम् | युद्ध | pos=n,g=n,c=2,n=s |
धार्तराष्ट्रो | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽन्वतप्स्यत् | अनुतप् | pos=v,p=3,n=s,l=lrn |