महाभारतम् — 5.47.32
Original
Segmented
यदा कृतास्त्रो द्रुपदः प्रचिन्वञ् शिरांसि यूनाम् समरे रथ-स्थः क्रुद्धः शरैः छेत्स्यति चाप-मुक्तैः तदा युद्धम् धार्तराष्ट्रो ऽन्वतप्स्यत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
कृतास्त्रो | कृतास्त्र | pos=a,g=m,c=1,n=s |
द्रुपदः | द्रुपद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रचिन्वञ् | प्रचि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शिरांसि | शिरस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
यूनाम् | युवन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
रथ | रथ | pos=n,comp=y |
स्थः | स्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
क्रुद्धः | क्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शरैः | शर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
छेत्स्यति | छिद् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
चाप | चाप | pos=n,comp=y |
मुक्तैः | मुच् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
तदा | तदा | pos=i |
युद्धम् | युद्ध | pos=n,g=n,c=2,n=s |
धार्तराष्ट्रो | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽन्वतप्स्यत् | अनुतप् | pos=v,p=3,n=s,l=lrn |