महाभारतम् — 5.47.30
Original
Segmented
प्रभद्रकाः शीघ्रतरा युवानो विशारदाः सिंह-समान-वीर्याः यदा क्षेप्तारो धार्तराष्ट्रान् स सैन्यान् तदा युद्धम् धार्तराष्ट्रो ऽन्वतप्स्यत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रभद्रकाः | प्रभद्रक | pos=a,g=m,c=1,n=p |
शीघ्रतरा | शीघ्रतर | pos=a,g=m,c=1,n=p |
युवानो | युवन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
विशारदाः | विशारद | pos=a,g=m,c=1,n=p |
सिंह | सिंह | pos=n,comp=y |
समान | समान | pos=a,comp=y |
वीर्याः | वीर्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
यदा | यदा | pos=i |
क्षेप्तारो | क्षिप् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
धार्तराष्ट्रान् | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
स | स | pos=i |
सैन्यान् | सैन्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तदा | तदा | pos=i |
युद्धम् | युद्ध | pos=n,g=n,c=2,n=s |
धार्तराष्ट्रो | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽन्वतप्स्यत् | अनुतप् | pos=v,p=3,n=s,l=lrn |