महाभारतम् — 5.47.102
Original
Segmented
नित्यम् पुनः सचिवैः यैः अवोचद् देवान् अपि इन्द्र-प्रमुखान् सहायान् तैः मन्यते कलहम् सम्प्रयुज्य स धार्तराष्ट्रः पश्यत मोहम् अस्य
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
सचिवैः | सचिव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
यैः | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अवोचद् | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,comp=y |
प्रमुखान् | प्रमुख | pos=a,g=m,c=2,n=p |
सहायान् | सहाय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
मन्यते | मन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कलहम् | कलह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सम्प्रयुज्य | सम्प्रयुज् | pos=vi |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
धार्तराष्ट्रः | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पश्यत | पश् | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
मोहम् | मोह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |