महाभारतम् — 5.47.101
Original
Segmented
वधे धृतो वेगवतः प्रमुञ्चन् न अहम् प्रजाः किंचिद् इव अवशिष्ये शान्तिम् लप्स्ये परमो हि एष भावः स्थिरो मम ब्रूहि गावल्गणे तान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वधे | वध | pos=n,g=m,c=7,n=s |
धृतो | धृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वेगवतः | वेगवत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
प्रमुञ्चन् | प्रमुच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
प्रजाः | प्रजा | pos=n,g=f,c=2,n=p |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
अवशिष्ये | अवशिष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
शान्तिम् | शान्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
लप्स्ये | लभ् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
परमो | परम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भावः | भाव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्थिरो | स्थिर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
गावल्गणे | गावल्गणि | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |