महाभारतम् — 5.46.15
Original
Segmented
संजय उवाच प्राप्तो ऽस्मि पाण्डवान् गत्वा तद् विजानीत कौरवाः यथावयः कुरून् सर्वान् प्रतिनन्दन्ति पाण्डवाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
प्राप्तो | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
पाण्डवान् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
गत्वा | गम् | pos=vi |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विजानीत | विज्ञा | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
कौरवाः | कौरव | pos=n,g=m,c=8,n=p |
यथावयः | यथावयस् | pos=i |
कुरून् | कुरु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
प्रतिनन्दन्ति | प्रतिनन्द् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
पाण्डवाः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=p |