महाभारतम् — 5.45.2
Original
Segmented
शुक्राद् ब्रह्म प्रभवति ब्रह्म शुक्रेण वर्धते तत् शुक्रम् ज्योतिषाम् मध्ये ऽतप्तम् तपति तापनम् योगिनः तम् प्रपश्यन्ति भगवन्तम् सनातनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शुक्राद् | शुक्र | pos=n,g=m,c=5,n=s |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्रभवति | प्रभू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
शुक्रेण | शुक्र | pos=n,g=n,c=3,n=s |
वर्धते | वृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
शुक्रम् | शुक्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ज्योतिषाम् | ज्योतिस् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
मध्ये | मध्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽतप्तम् | अतप्त | pos=a,g=n,c=1,n=s |
तपति | तप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तापनम् | तापन | pos=a,g=n,c=1,n=s |
योगिनः | योगिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रपश्यन्ति | प्रपश् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
भगवन्तम् | भगवत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
सनातनम् | सनातन | pos=a,g=m,c=2,n=s |