महाभारतम् — 5.43.21
Original
Segmented
अप्रमादो अष्ट-दोषः स्यात् तान् दोषान् परिवर्जयेत् इन्द्रियेभ्यः च पञ्चभ्यो मनस्तः च एव भारत अतीत-अनागतेभ्यः च मुक्तो हि एतैः सुखी भवेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अप्रमादो | अप्रमाद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अष्ट | अष्टन् | pos=n,comp=y |
दोषः | दोष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
दोषान् | दोष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
परिवर्जयेत् | परिवर्जय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
इन्द्रियेभ्यः | इन्द्रिय | pos=n,g=n,c=5,n=p |
च | च | pos=i |
पञ्चभ्यो | पञ्चन् | pos=n,g=n,c=5,n=p |
मनस्तः | मनस् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
भारत | भारत | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अतीत | अती | pos=va,comp=y,f=part |
अनागतेभ्यः | अनागत | pos=a,g=n,c=5,n=p |
च | च | pos=i |
मुक्तो | मुच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
हि | हि | pos=i |
एतैः | एतद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सुखी | सुखिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |