महाभारतम् — 5.42.16
Original
Segmented
सनत्सुजात उवाच उभयम् एव तत्र उपभुज्यते फलम् धर्मस्य एव इतरस्य च धर्मेण अधर्मम् प्रणुदति इह विद्वान् धर्मो बलीयान् इति तस्य विद्धि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सनत्सुजात | सनत्सुजात | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
उभयम् | उभय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
उपभुज्यते | उपभुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
धर्मस्य | धर्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
एव | एव | pos=i |
इतरस्य | इतर | pos=n,g=n,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
धर्मेण | धर्म | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अधर्मम् | अधर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रणुदति | प्रणुद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
इह | इह | pos=i |
विद्वान् | विद्वस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
धर्मो | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
बलीयान् | बलीयस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विद्धि | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |