Original

वैशंपायन उवाच ।ततो राजा धृतराष्ट्रो मनीषी संपूज्य वाक्यं विदुरेरितं तत् ।सनत्सुजातं रहिते महात्मा पप्रच्छ बुद्धिं परमां बुभूषन् ॥ १ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच ततो राजा धृतराष्ट्रो मनीषी सम्पूज्य वाक्यम् विदुर-ईरितम् तत् सनत्सुजातम् रहिते महात्मा पप्रच्छ बुद्धिम् परमाम् बुभूषन्

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
ततो ततस् pos=i
राजा राजन् pos=n,g=m,c=1,n=s
धृतराष्ट्रो धृतराष्ट्र pos=n,g=m,c=1,n=s
मनीषी मनीषिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
सम्पूज्य सम्पूजय् pos=vi
वाक्यम् वाक्य pos=n,g=n,c=2,n=s
विदुर विदुर pos=n,comp=y
ईरितम् ईरय् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
सनत्सुजातम् सनत्सुजात pos=n,g=m,c=2,n=s
रहिते रह् pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part
महात्मा महात्मन् pos=a,g=m,c=1,n=s
पप्रच्छ प्रच्छ् pos=v,p=3,n=s,l=lit
बुद्धिम् बुद्धि pos=n,g=f,c=2,n=s
परमाम् परम pos=a,g=f,c=2,n=s
बुभूषन् बुभूष् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part