महाभारतम् — 5.39.35
Original
Segmented
दुर्बुद्धिम् अकृत-प्रज्ञम् छन्नम् कूपम् तृणैः इव विवर्जयीत मेधावी तस्मिन् मैत्री प्रणश्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दुर्बुद्धिम् | दुर्बुद्धि | pos=a,g=m,c=2,n=s |
अकृत | अकृत | pos=a,comp=y |
प्रज्ञम् | प्रज्ञा | pos=n,g=m,c=2,n=s |
छन्नम् | छद् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
कूपम् | कूप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तृणैः | तृण | pos=n,g=n,c=3,n=p |
इव | इव | pos=i |
विवर्जयीत | विवर्जय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
मेधावी | मेधाविन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मैत्री | मैत्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |
प्रणश्यति | प्रणश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |