महाभारतम् — 5.38.7
Original
Segmented
नीवार-मूल-इङ्गुदी-शाक-वृत्तिः सु संयत-आत्मा अग्नि-कार्येषु अचोद्यः वने वसन्न् अतिथि अप्रमत्तः धुरंधरः पुण्य-कृत् एष तापसः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नीवार | नीवार | pos=n,comp=y |
मूल | मूल | pos=n,comp=y |
इङ्गुदी | इङ्गुद | pos=n,comp=y |
शाक | शाक | pos=n,comp=y |
वृत्तिः | वृत्ति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सु | सु | pos=i |
संयत | संयम् | pos=va,comp=y,f=part |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
कार्येषु | कार्य | pos=n,g=n,c=7,n=p |
अचोद्यः | अचोद्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
वसन्न् | वस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
अतिथि | अतिथि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अप्रमत्तः | अप्रमत्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
धुरंधरः | धुरंधर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
कृत् | कृत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तापसः | तापस | pos=n,g=m,c=1,n=s |