महाभारतम् — 5.38.38
Original
Segmented
येषु दुष्टेषु दोषः स्याद् योगक्षेमस्य भारत सदा प्रसादनम् तेषाम् देवतानाम् इव आचरेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
येषु | यद् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
दुष्टेषु | दुष् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
दोषः | दोष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
योगक्षेमस्य | योगक्षेम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
भारत | भारत | pos=n,g=m,c=8,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
प्रसादनम् | प्रसादन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
देवतानाम् | देवता | pos=n,g=f,c=6,n=p |
इव | इव | pos=i |
आचरेत् | आचर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |