महाभारतम् — 5.38.28
Original
Segmented
निरर्थम् कलहम् प्राज्ञो वर्जयेत् मूढ-सेवितम् कीर्तिम् च लभते लोके न च अनर्थेन युज्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निरर्थम् | निरर्थ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
कलहम् | कलह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्राज्ञो | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वर्जयेत् | वर्जय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
मूढ | मूढ | pos=a,comp=y |
सेवितम् | सेव् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
कीर्तिम् | कीर्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
अनर्थेन | अनर्थ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
युज्यते | युज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |