महाभारतम् — 5.38.21
Original
Segmented
कर्मणाम् तु प्रशस्तानाम् अनुष्ठानम् सुख-आवहम् तेषाम् एव अननुष्ठानम् पश्चात्ताप-करम् महत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कर्मणाम् | कर्मन् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
तु | तु | pos=i |
प्रशस्तानाम् | प्रशंस् | pos=va,g=n,c=6,n=p,f=part |
अनुष्ठानम् | अनुष्ठान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सुख | सुख | pos=n,comp=y |
आवहम् | आवह | pos=a,g=n,c=1,n=s |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
एव | एव | pos=i |
अननुष्ठानम् | अननुष्ठान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पश्चात्ताप | पश्चात्ताप | pos=n,comp=y |
करम् | कर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |