महाभारतम् — 5.37.38
Original
Segmented
पश्य दोषान् पाण्डवैः विग्रहे त्वम् यत्र व्यथेरन्न् अपि देवाः स शक्राः पुत्रैः वैरम् नित्यम् उद्विग्न-वासः यशः-प्रणाशः द्विषताम् च हर्षः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पश्य | पश् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
दोषान् | दोष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
पाण्डवैः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
विग्रहे | विग्रह | pos=n,g=m,c=7,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
व्यथेरन्न् | व्यथ् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
अपि | अपि | pos=i |
देवाः | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
स | स | pos=i |
शक्राः | शक्र | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पुत्रैः | पुत्र | pos=n,g=m,c=3,n=p |
वैरम् | वैर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
नित्यम् | नित्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
उद्विग्न | उद्विज् | pos=va,comp=y,f=part |
वासः | वास | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यशः | यशस् | pos=n,comp=y |
प्रणाशः | प्रणाश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
द्विषताम् | द्विष् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
हर्षः | हर्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |