महाभारतम् — 5.37.20
Original
Segmented
यः तात न क्रुध्यति सर्वकालम् भृत्यस्य भक्तस्य हिते रतस्य तस्मिन् भृत्या भर्तरि विश्वसन्ति न च एनम् आपत्सु परित्यजन्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
क्रुध्यति | क्रुध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सर्वकालम् | सर्वकालम् | pos=i |
भृत्यस्य | भृत्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
भक्तस्य | भक्त | pos=n,g=m,c=6,n=s |
हिते | हित | pos=n,g=n,c=7,n=s |
रतस्य | रम् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भृत्या | भृत्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
भर्तरि | भर्तृ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
विश्वसन्ति | विश्वस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आपत्सु | आपद् | pos=n,g=f,c=7,n=p |
परित्यजन्ति | परित्यज् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |