महाभारतम् — 5.37.18
Original
Segmented
उक्तम् मया द्यूत-काले ऽपि राजन् न एवम् युक्तम् वचनम् प्रातिपीय तत् औषधम् पथ्यम् इव आतुरस्य न रोचते तव वैचित्रवीर्य
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उक्तम् | वच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
द्यूत | द्यूत | pos=n,comp=y |
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
युक्तम् | युक्त | pos=a,g=n,c=1,n=s |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्रातिपीय | प्रातिपीय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
औषधम् | औषध | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पथ्यम् | पथ्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
आतुरस्य | आतुर | pos=a,g=m,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
रोचते | रुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वैचित्रवीर्य | वैचित्रवीर्य | pos=n,g=m,c=8,n=s |