Original

विदुर उवाच ।नान्यत्र विद्यातपसोर्नान्यत्रेन्द्रियनिग्रहात् ।नान्यत्र लोभसंत्यागाच्छान्तिं पश्यामि तेऽनघ ॥ ४९ ॥

Segmented

विदुर उवाच न अन्यत्र विद्या-तपसोः न अन्यत्र इन्द्रिय-निग्रहात् न अन्यत्र लोभ-संत्यागात् शान्तिम् पश्यामि ते ऽनघ

Analysis

Word Lemma Parse
विदुर विदुर pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i
अन्यत्र अन्यत्र pos=i
विद्या विद्या pos=n,comp=y
तपसोः तपस् pos=n,g=n,c=6,n=d
pos=i
अन्यत्र अन्यत्र pos=i
इन्द्रिय इन्द्रिय pos=n,comp=y
निग्रहात् निग्रह pos=n,g=m,c=5,n=s
pos=i
अन्यत्र अन्यत्र pos=i
लोभ लोभ pos=n,comp=y
संत्यागात् संत्याग pos=n,g=m,c=5,n=s
शान्तिम् शान्ति pos=n,g=f,c=2,n=s
पश्यामि दृश् pos=v,p=1,n=s,l=lat
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
ऽनघ अनघ pos=a,g=m,c=8,n=s