महाभारतम् — 5.36.4
Original
Segmented
हंस उवाच एतत् कार्यम् अमराः संश्रुतम् मे धृतिः शमः सत्य-धर्म-अनुवृत्तिः ग्रन्थिम् विनीय हृदयस्य सर्वम् प्रिय-अप्रिये च आत्म-वशम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हंस | हंस | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
कार्यम् | कार्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अमराः | अमर | pos=n,g=m,c=8,n=p |
संश्रुतम् | संश्रु | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
धृतिः | धृति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
शमः | शम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सत्य | सत्य | pos=n,comp=y |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
अनुवृत्तिः | अनुवृत्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
ग्रन्थिम् | ग्रन्थि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विनीय | विनी | pos=vi |
हृदयस्य | हृदय | pos=n,g=n,c=6,n=s |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
अप्रिये | अप्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=d |
च | च | pos=i |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
वशम् | वश | pos=n,g=m,c=2,n=s |