महाभारतम् — 5.36.21
Original
Segmented
प्राप्नोति वै वित्तम् असत्-बलेन नित्य-उत्थानात् प्रज्ञया पौरुषेण न तु एव सम्यग् लभते प्रशंसाम् न वृत्तम् आप्नोति महा-कुलानाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्राप्नोति | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
वै | वै | pos=i |
वित्तम् | वित्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
असत् | असत् | pos=a,comp=y |
बलेन | बल | pos=n,g=n,c=3,n=s |
नित्य | नित्य | pos=a,comp=y |
उत्थानात् | उत्थान | pos=n,g=n,c=5,n=s |
प्रज्ञया | प्रज्ञा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
पौरुषेण | पौरुष | pos=n,g=n,c=3,n=s |
न | न | pos=i |
तु | तु | pos=i |
एव | एव | pos=i |
सम्यग् | सम्यक् | pos=i |
लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
प्रशंसाम् | प्रशंसा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
वृत्तम् | वृत्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आप्नोति | आप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
कुलानाम् | कुल | pos=n,g=n,c=6,n=p |