महाभारतम् — 5.35.55
Original
Segmented
अनसूयः कृतप्रज्ञः शोभनानि आचरन् सदा अकृच्छ्रात् सुखम् आप्नोति सर्वत्र च विराजते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अनसूयः | अनसूय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कृतप्रज्ञः | कृतप्रज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
शोभनानि | शोभन | pos=a,g=n,c=2,n=p |
आचरन् | आचर् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सदा | सदा | pos=i |
अकृच्छ्रात् | अकृच्छ्र | pos=n,g=n,c=5,n=s |
सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आप्नोति | आप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सर्वत्र | सर्वत्र | pos=i |
च | च | pos=i |
विराजते | विराज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |