महाभारतम् — 5.34.49
Original
Segmented
प्रायेण श्रीमताम् लोके भोक्तुम् शक्तिः न विद्यते दरिद्राणाम् तु राज-इन्द्र अपि काष्ठम् हि जीर्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रायेण | प्रायेण | pos=i |
श्रीमताम् | श्रीमत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भोक्तुम् | भुज् | pos=vi |
शक्तिः | शक्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
दरिद्राणाम् | दरिद्र | pos=a,g=m,c=6,n=p |
तु | तु | pos=i |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
काष्ठम् | काष्ठ | pos=n,g=n,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
जीर्यते | जृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |